Ad Code

कौन था मुख्तार अंसारी कितनी संपति थी, मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय

कौन था मुख्तार अंसारी कितनी संपति थी, मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय

मुख्तार अंसारी पूर्वांचल के बाहुबली के  माफिया और नेता थे मुख्तार अंसारी के खिलाफ गुनाहों के लिस्ट बहुत लंबी है भाजपा नेता की हत्या से लेकर दंगे भड़काने जैसे केस हैं अभी तक मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा हो चुकी थी लेकिन उसके ऊपर 60 से भी ज्यादा आपराधिक मामले तर्ज थे आज की इस आर्टिकल में हम मुख्तार अंसारी की पूरी जीवन परिचय के बारे में जानेंगे


कौन था मुख्तार अंसारी कितनी संपति थी, मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय
Mukhtar Ansari Biography in Hindi


    मुख्तार अंसारी का परिचय

    नाम मुख्तार अंसारी
    जन्म 3 जून 1963
    जन्म स्थान मोहम्मदाबाद, गाजीपुर UP
    मृत्यु 28 मार्च 2024
    माता रजिया बेगम
    पिता सुभानउल्लाह अंसारी
    पत्नी आफसा अंसारी
    भाई सिबकतिल्लाह अंसारी,अफजल अंसारी
    पुत्र अंसार अंसारी और उमर अंसारी
    करीयर राजनीति BSP से , बाहुबली

    मुख्तार अंसारी का जन्म

    मुख्तार अंसारी का जन्म 3 जून 1963 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था मुख्तार अंसारी के पिता का नाम सुभानउल्लाह अंसारी माता का नाम रजिया बेगम था मुख्तार अंसारी अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था उसके बाद वाले भाई का नाम अफजल अंसारी और उसके सबसे बड़े भाई का नाम सिबकतिल्लाह अंसारी है | मुख्तार अंसारी की बीवी का नाम आफसा अंसारी है और मुख्तार अंसारी के दो बेटे अंसार अंसारी और उमर अंसारी है


    mukhtar ansari wife
    mukhtar ansari wife


    दिसंबर 2018 में मुख्तार अंसारी की मां का निधन हो गया था उसके दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लिंग के पूर्व अध्यक्ष थे और मुख्तार अंसारी के नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेवा में ब्रिगेडियर रह चुके है पैतृक वंश है रात के सूफी संत अब्दुल्लाह अंसारी से मिलता है


    मुख्तार अंसारी की शिक्षा

    मुख्तार अंसारी ने 1984 में पीजी कॉलेज गाजीपुर गोरख विश्वविद्यालय से बी ए किया था | स्कूल के दिनों में मुख्तार अंसारी को क्रिकेट खेलने बहुत पसंद था और वह क्रिकेटर बनना चाहता था | मुख्तार अंसारी ने राजकीय शहर इंटर कॉलेज और पीजी कॉलेज गाजीपुर से पढ़ाई की |


    मुख्तार अंसारी का शुरुआती जीवन

    1970 की दशक की शुरुआत में भारत सरकार ने पूर्वांचल क्षेत्र में कोई विकास परियोजनाएं शुरू की | इसके परिणाम स्वरुप इन परियोजनाओं का ठेका लेने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा के कारण हथियार बंद गिरोह का उदय हुआ मुख्तार अंसारी शुरुआत में मखनु से गिरोह का सदस्य था | 1980 के दशक में यह गृह सैदपुर में जमीन के एक भूखंड को लेकर साहिब सिंह के नेतृत्व वाली एक अन्य गिरोह से भिड़ंत हो गई जिसके परिणाम स्वरुप कई हिंसक घटनाएं सामने आई | साहब सिंह के गिरोह के कथित सदस्य बृजेश सिंह बाद में अपना एक अलग खुद का गिरोह बनाया और 1990 के दशक में गाजीपुर के ठेकेदारी माफिया पर कब्जा कर लिया | अंसारी के गिरोह ने 100 करोड़ के ठेका व्यवसाय पर नियंत्रण के लिए उसके साथ प्रतिस्पर्धा किया जो कोयला खनन, रेलवे निर्माण, एस्केप निपटान सार्वजनिक कार्यों और शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों तक फैला हुआ था | अंसारी के गृह होने कथित तौर पर अपहरण जैसी अन्य अपराधी गतिविधियों के अलावा गुंडा टैक्स यानी जबरन वसूली रॉकेट चलाए |


    mukhtar ansari property
    mukhtar ansari property

    मुख्तार अंसारी नेटवर्थ

    मुख्तार अंसारी की कुल संपत्ति 22 करोड रुपए की है इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कारी 20 करोड रुपए रियल एस्टेट से आता है अगर उसके 2014 के चुनावी एफिडेविट को देखें तो मुख्तार अंसारी और उसकी पत्नी के नाम पर करीब 3.23 करोड रुपए की एग्रीकल्चरलैंड है इसके अलावा 4.90 करोड रुपए की नॉन एग्रीकल्चर लैंड भी है सिर्फ भूमि ही नहीं गाजीपुर से लखनऊ तक उसके परिवार के पास एक से बढ़कर एक कमर्शियल बिल्डिंग का मालिकाना हक है जिसके 2017 में वैल्यूएशन 12.45 करोड रुपए थी वही उसके परिवार के पास कई रेजिडेंशियल बिल्डिंग का मालिकाना हक भी है


    mukhtar ansari net worth
    mukhtar ansari net worth

    मुख्तार अंसारी का राजनीतिक कैरियर

    मुख्तार अंसारी ने 1995 में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज गाजीपुर में एक छात्र संघ के माध्यम से राजनीति में कदम रखा | बाद में वह 1996 में विधायक बने और बृजेश सिंह के प्रभुत्व के खिलाफ चुनौती शुरू की | उनकी दुश्मनी बढ़ती गई जिससे  वे पूर्वांचल क्षेत्र में एक प्रमुख प्रतिद्वंदी बन गए | 2002 में अंसारी के काफिले पर साहब सिंह द्वारा कथित तौर पर घात लगाकर किए गए हमले में अंसारी के तीन सहयोगियों की मौत हो गई जबकि साहिब जी गंभीर रूप से घायल हो गया इसके बाद उसकी मृत्यु हो गई | अंसारी के राजनीतिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए साहब सिंह 2002 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता कृष्णानंद राय का समर्थन किया जिसमें कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजल  अंसारी जो पांच बार विधायक विधायक थे उनके ऊपर जीत हासिल की |


    Mukhtar Ansari cases
    Mukhtar Ansari cases


    मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर मऊ क्षेत्र में अपनी चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए मुस्लिम मतदाताओं का फायदा उठाया जहां अपराध राजनीति और धर्म के घाट जोड़ने सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाओं को बढ़ावा दिया | इसके बाद अंसारी ने ऐसे ही एक दंगे के बाद हिंसा भड़काने के लिए आप का सामना करना पड़ा लेकिन अदालत में उन्हें इन आरोप से बरी कर दिया मुख्तार अंसारी ने जेल में रहते हुए भी कृष्णानंद राय को अपने अच्छा सहयोगियों द्वारा सार्वजनिक रूप से हत्या करवा दी थी | छह एक-47 राइफल से लैस हमलावरों ने 400 से अधिक गोलियां चलाई जिसके साथ राय के शव से 67 गोलियां बरामद हुई | इस मामले के मुख्य गवाह शशिकांत राय जो 2006 में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था | पुलिस ने उसकी मौत को आत्महत्या बात कर खारिज कर दिया | इसके बीच अंसारी के प्रतिद्वंती बृजेश सिंह, राय की हत्या के बाद गाजीपुर मऊ क्षेत्र से भाग गया लेकिन बाद में 2008 में उड़ीसा में पकड़े गए और बाद में प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा


    2008 में अंसारी पर एक हत्या के मामले में गवाह धर्मेंद्र सिंह पर हमला करने का आरोप लगा | हालांकि बाद में पीड़िता ने एक हलफनामा देखकर अंसारी के खिलाफ कार्रवाई बंद करने का अनुरोध किया | मुख्तार अंसारी को 27 सितंबर 2017 को राय हत्या केस के आरोप से बरी कर दिया गया |


    मुख्तार अंसारी बहुजन समाज पार्टी

    मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजल अंसारी 2007 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए | बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार अंसारी को रॉबिन हड के रूप में चित्रित किया और उन्हें गरीबों का मसीहा कहा | जेल में रहते हुए अंसारी ने 2009 का लोकसभा चुनाव वाराणसी से बसपा के टिकट पर लड़ा था | वह भाजपा के मुरली मनोहर जोशी से 17211 वोटो के अंतर से हार गए |


    मुख्तार अंसारी और दो अन्य लोगों पर अप्रैल 2009 में कपिल देव सिंह की हत्या का आरोप लगाया गया था | पुलिस नहीं हो अभी पाया कि अगस्त 2009 में एक ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह की हत्या का आदेश दिया था 2010 में अंसारी पर राम सिंह मौर्य की हत्या का मामला दर्ज किया गया | मौर्य 2009 में अंसारी के गिरोद द्वारा कथित तौर पर मारे गए एक स्थानीय ठेकेदार मन्नत सिंह की हत्या का गवाह था |


    दोनों भाइयों मुख्तार अंसारी और अफसर अंसारी को 2010 में बसपा द्वारा निष्कासित कर दिया गया | क्योंकि पार्टी को लगा कि यह आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे | गाजीपुर जेल में छापेमारी के बाद पता चला कि मुख्तार एक विलास्टा पूर्ण जीवन जी रहा था उसके सेल से एयर कूलर और खाना पकाने के कारण जैसी चीज मिली थी अच्छा बीमारी के तुरंत बाद उसे मथुरा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया |


    mukhtar ansari death reason
    mukhtar ansari death reason

    मुख्तार अंसारी कौमी एकता दल

    बसपा से निकल जाने और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा खारिज किए जाने के बाद तीनों अंसारी भाइयों मुख्तार अफजल और सिबकतिल्लाह ने 2010 में “ कौमी एकता दल “ ( QED ) नमक अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई | इससे पहले मुख्तार मैं एक संगठन लॉन्च किया था “ हिंदू मुस्लिम एकता पार्टी “ जिसका QED में विलय हो गया | 2012 में उन पर कथित तौर पर एक संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य होने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया था |

    मार्च 2014 में अंसारी ने वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा और घोसी से भी चुनाव लड़ा | हालांकि वाराणसी में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा | बाद में अप्रैल में उन्होंने धर्मनिरपेक्ष वोटो के विभाजन को रोकने का लक्ष्य बताते हुए अपने उम्मीदवारी वापस ले ली |


    मुख्तार अंसारी का बहुजन समाज पार्टी में वापसी

    26 जनवरी 2016 को अंसारी 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी में फिर से शामिल हो गए  | कुछ महीने पहले से ही अंसारी बंधुओ के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के व्यापक अटकले थी | बसपा प्रमुख मायावती ने अंसारी को पार्टी में प्रवेश का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक आरोप साबित नहीं हुए हैं और पार्टी के लोगों को खुद सुधारने का मौका देने में विश्वास करती है


    इसके बाद अंसारी ने 2017 में अपनी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया और मऊ विधानसभा सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में राज्य चुनाव लड़ा | वह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र राजभर को 4464 वोटो से हराकर विजई हुए |


    मुख़्तार अंसारी की मृत्यु

    अंसारी का 28 मार्च 2024 को 60 वर्ष की आयु में तिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया | दिल्ली एम्स के डॉक्टर के एक पैनल द्वारा किए गए शव प्रशिक्षण में मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया | हालांकि उनके बेटे उमर अंसारी में दावा किया है कि उनके पिता को धीमी जहर दिया गया था जिससे दिल का दौरा पड़ा ।


    अपनी मृत्यु से 10 दिन पहले 19 मार्च 2024 को मुख्तार अंसारी ने अपनी नसों और अंगों में लगातार दर्द महसूस होने की सूचना बाराबंकी कोर्ट को दी थी उन्होंने इस परेशानी के लिए एक जहरीले पदार्थ को जिम्मेदार ठहराया | इसके बारे में उनका मानना था कि यह उनके भोजन में मिलाया गया था | इन आरोपों के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 सदस्यों मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है


    मुख्तार अंसारी से जुड़े कुछ FAQ

    मुख्तार अंसारी के दादा कौन थे

    मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लिंग के पूर्व अध्यक्ष थे

    मुख्तार अंसारी कितने भाई हैं

    मुख्तार अंसारी अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था उसके बाद वाले भाई का नाम अफजल अंसारी और उसके सबसे बड़े भाई का नाम सिबकतिल्लाह अंसारी है

    मुख्तार अंसारी कुल संपत्ति कितनी थी

    मुख्तार अंसारी की कुल संपत्ति 22 करोड रुपए की है इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 20 करोड रुपए रियल एस्टेट से आता है अगर उसके 2014 के चुनावी एफिडेविट को देखें तो मुख्तार अंसारी और उसकी पत्नी के नाम पर करीब 3.23 करोड रुपए की एग्रीकल्चरलैंड है इसके अलावा 4.90 करोड रुपए की नॉन एग्रीकल्चर लैंड भी है

    एक टिप्पणी भेजें

    0 टिप्पणियाँ