सोनम वांगचुक का जीवन परिचय Sonam Wahanchu Biography In Hindi
दोस्तों आप लोगों ने राजकुमार हिरानी के द्वारा निर्देशित आमिर खान की 3 ईडियट्स मूवी देखी होगी 3 ईडियट्स मूवी में आमिर खान ने जो फुनसुख वांगडू ( Phunsukh Wangdu ) का किरदार निभाया था वह असल जिंदगी में सोनम वांगचुक की रियल लाइफ पर बनाई गई एक मूवी थी | सोनम वांगचुक ने अनगिनत आविष्कार और नए-नए तकनीक का आविष्कार करते रहते हैं आज की इस आर्टिकल में हम सोनम वांगचुक की पूरी जीवनी के बारे में जानेंगे
Sonam Wahanchu Biography |
सोनम वांगचुक परिचय
नाम | सोनम वांगचुक |
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जन्म | 1 सितंबर 1966 |
जन्म स्थान | लद्दाख के लेह जिले के अलची |
उम्र | 57 ( 2024 तक ) |
माता | त्त्सेरिंग वांगमो |
पिता | सोनम वांगयाल |
प्रारंभिक जीवन
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 में लद्दाख के लेह जिले के अलची के पास हुआ था सोनम वांगचुक के पिता का नाम सोनम वांगयाल था और उनकी माता का नाम त्त्सेरिंग वांगमो था | सोनम वांगचुक के पिता एक राजनेता थे जोशी नगर में काम किया करते थे
सोनम वांगचुक एजुकेशन
सोनम वांगचुक 9 साल की उम्र तक हो गए थे तब भी उनका दाखिला स्कूल में नहीं हुआ था क्योंकि उनके गांव में कोई स्कूल नहीं था उनकी मां ने उन्हें 9 साल की उम्र तक प्रारंभिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में सिखाई | 9 साल की उम्र के बाद उन्हें श्रीनगर ले जाएगा और श्रीनगर के एक स्कूल में उनका दाखिला कराया गया | वंचित अन्य छात्रों की तुलना में अलग दिखते थे उन्हें स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था उन्हें समझ में नहीं आता था जिस कारण उनकी स्कूल के क्लासमेट उन्हें मूर्ख समझकर चढ़ाते थे | वांगचुक इन सबसे परेशान होकर 1977 में वह अकेले भाग कर दिल्ली आ गए | जहां उन्होंने विशेष केंद्रीय विद्यालय में स्कूल के प्रिंसिपल के सामने अपना मामला रखा |
Sonam Wangchuck |
1987 में राष्ट्रीय प्रतियोगिकी संस्थान श्रीनगर ( तब REC श्रीनगर ) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से वांगचुक ने बी टेक पूरा किया | इंजीनियरिंग विषय की पसंद पर अपने पिता के साथ मतभेद हो गया जिसके कारण उन्हें अपनी शिक्षा का खर्च खुद उठाना पडता था | वांछित 2011 में फ्रांस के ग्रैनेबल में क्रेटर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में और 10 आर्किटेक्चर में 2 साल के उच्च अध्ययन के लिए भी गए थे |
सोनम वांगचुक करियर
1988 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वांग चौक अपने भाई और पांच साथियों के साथ मिलकर स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लदाख ( SECMOL ) शुरू किया | सस्पोल में सरकारी हाई स्कूल मे कई स्कूल सुधारो के प्रयोग के बाद SECMOL ने सरकारी शिक्षा विभाग और गांव की आबादी के सहयोग से ऑपरेशन न्यू होप शुरू किया |
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सोनम वांगचुक निजी और सरकारी योजना
1993 से 2005 तक वंगचुक ने लैंडेग्स मेलॉग जो कि लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका है इसकी स्थापना की और संपादक के रूप में काम किया उनके अनुभव और ज्ञान का उपयोग कई सरकारी एजेंसीयों द्वारा एक सलाहकार की क्षमता में किया है उन्हें विजन डॉक्यूमेंट लद्दाख 2025 के हिस्से के रूप में शिक्षा और पर्यटन पर नीति तैयार करने का काम सौपां गया है
सोनम वांगचुक आविष्कार ( Sonam Wangchuk Inventions )
वांगचुक लद्दाख सिक्किम और नेपाल जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं निष्क्रिय सुर मिट्टी के इमारत के डिजाइन और निर्माण की देखरेख में मदद कर रहे हैं ताकि ऊर्जा बचत को बड़े पैमाने पर लागू किया जा सके | पर्वतीय इलाकों में -30 डिग्री सेल्सियस सर्दियों में भी उनका सौर ऊर्जा से बनाया गया स्कूल अंदर से बिल्कुल गर्म रहता है
sonam wangchuk inventions |
बर्फ का स्तूप ( The Ice Stupas )
जनवरी 2014 में सोनम वांगचुक ने इस स्तूप नामक एक परियोजना शुरू किया | उनका उद्देश्य अप्रैल और मई के महत्वपूर्ण महीना में प्राकृतिक हिमनद से पिघलने वाले पानी के प्रवाह शुरू होने से पहले लद्दाख के किसानों के सामने आने वाले जल संकट का समाधान खोजना था |
The Ice Stupas |
2016 में वांछित ने उच्च ऊंचाई वाले ग्लेशियर झीलों पर आपदा संबंध के लिए की स्टॉप तकनीक लागू करना शुरू किया उन्होंने सिक्किम सरकार द्वारा अपने राज्य की एक और खतरनाक झील के लिए साइफन तकनीक लागू करने के लिए आमंत्रित किया गया था सितंबर 2016 में उन्होंने उत्तर पश्चिम सिक्किम में दक्षिण ल्होनक झील 3 सप्ताह के अभियान का नेतृत्व किया |
वंगचुक को स्विट्जरलैंड की एंगे डायन घाटी में एक नगरपालिका पोंट्रेसिना के अध्यक्ष ने अपने शीतकालीन पर्यटक आकर्षणों को बढ़ाने के लिए बर्फ के स्तूप बनाने के लिए आमंत्रित किया था | अक्टूबर 2016 में वांछित और उनकी टीम स्विस आल्प्स गए और स्विस भागीदारों के साथ मिलकर यूरोप का पहला आइस स्तूप बनाना शुरू किया
सोनम वांगचुक राजनीति करियर
2013 में मिलने के छात्र समूह के बार-बार अनुरोध पर वंगचुक ने स्थाई शिक्षा, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए काम करने के उद्देश्य से न्यू लद्दाख मूवमेंट ( NLM ) अभियान और ग्रीन पार्टी के लद्दाख संस्करण को लॉन्च करने में मदद की | इनका उद्देश्य लता की पृथ्वी और विकास के लिए सभी स्थानीय राजनीतिक नेताओं को एक बैनर के नीचे एकजुट करना था आखिरकार इस एक गैर राजनीतिक सामाजिक आंदोलन बनाने का निर्णय लिया |
चीनी उत्पादों का बहिष्कार
जून 2020 में भारत चीन सीमा गलवान की घाटी में झड़प के बाद इसके जवाब में सोनम वांगचुक ने भारतीय वॉलेट पावर का उपयोग करने और चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की थी | उनकी इस मांग को देश की कई मशहूर हस्तियों ने भी समर्थन किया था
सोनम वांगचुक लद्दाख स्वायत्तता विरोध
26 जनवरी 2030 को वांगचुक ने खारदुंगला दर्रे पर जाकर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को उजागर करने और लद्दाख की सुरक्षा के लिए भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग की हालांकि अधिकारियों ने उन्हें घर में नजर बंद कर दिया, उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी और खारदुंगला जाने से रोक दिया |
sonam wangchuk fasting |
मार्च 2024 में वांगचुक ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और खनन लॉबी से लद्दाख की सुरक्षा की मांग के लिए आमरण अनशन शुरू किया उन्होंने राज्य का दर्जा देने के लिए छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश लता को 21 दिवसीय जलवायु उपवास और भूख हड़ताल की शुरुआत की ।
सोनम वांग चुक को प्राप्त पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार नाम |
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1996 | जम्मू और कश्मीर में शैक्षिक सुधार के लिए राज्यपाल पदक |
2001 | द वीक द्वारा मैन ऑफ द ईयर |
2002 | सामाजिक उद्यमिता के लिए अशोक फैलोशिप, अशोका यूएसए द्वारा |
2004 | सैंक्चुअरी एशिया द्वारा ग्रीन टीचर अवार्ड |
2008 | सीएनएन-आईबीएन टीवी द्वारा रियल हीरोज अवार्ड |
2014 | यूनेस्को चेयर अर्थेन आर्किटेक्चर, क्रेटर्रे फ़्रांस द्वारा |
2016 | सर्वोत्तम पृथ्वी निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेरा पुरस्कार |
2016 | उद्दम के लिए रोलेक्स पुरस्कार |
2017 | जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा उत्कृष्ट पर्यावरणविद् के लिए राज्य पुरस्कार |
2017 | सतत वस्तुकला के लिए वैश्विक पुरस्कार |
2017 | जीक्यू मेन ऑफ द ईयर अवार्ड्स, सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर |
2017 | इंडियंस फॉर कलेक्टिव एक्शन (आईसीए) सम्मान पुरस्कार, सैन फ्रांसिस्को, सीए |
2018 | आईआईटी मंडी द्वारा हिमालय क्षेत्र के प्रख्यात प्रौद्योगिकीविद् |
2018 | सिम्बायोसिस इंटरनेशनल द्वारा मानद डी.लिट |
2018 | रेमन मैक्सेसे पुरस्कार |
सोनम वांगचुक से जुड़े कुछ FAQ
सोनम वांगचुक ने उपवास क्यों किया
मार्च 2024 में वांगचुक ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और खनन लॉबी से लद्दाख की सुरक्षा की मांग के लिए आमरण अनशन शुरू किया उन्होंने राज्य का दर्जा देने के लिए छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश लता को 21 दिवसीय जलवायु उपवास और भूख हड़ताल की शुरुआत की
सोनम वांगचुक की पत्नी का क्या नाम है
सोनम वांगचुक की पत्नी का नाम पद्मा अंगमो है
सोनम वांगचुक कौन है
सोनम वांगचुक एक भारत के एक एक अभियन्ता, नवाचारी और शिक्षा सुधारक हैं
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